डिजिटल पेमेंट

आईआईटी कानपुर और एनपीसीआई मिलकर विकसित करेंगे ब्लॉकचेन आधारित स्वदेशी डिजिटल पेमेंट सॉल्यूशन

आईआईटी और एनपीसीआई मिलकर ब्लॉकचेन आधारित स्वदेशी डिजिटल पेमेंट सॉल्यूशन विकसित करेंगे। बढ़ती DIGITAL LITERACY, सस्ते स्मार्ट फोन, इंटरनेट की उपलब्धता, इन सबने मिलकर डिजिटल लेनदेन को काफी आसान बना दिया है। 2022 वित्तीय वर्ष में भारत में लगभग 71 बिलियन डिजिटल भुगतान दर्ज किये गए। पिछले तीन सालों में सबसे ज्यादा। और जिस तेजी से इस क्षेत्र में नई-नई खोजें हो रही हैं। इससे लगता यह है कि जल्द ही यह नंबर और बढ़ेगा। हालांकि सुरक्षित डिजिटल लेनदेन में सुरक्षा संबंधी कई मसले हैं जिनके जवाब खोजे जाने जरूरी हैं।

इसी कड़ी में ब्लॉकचेन जैसी अत्याधुनिक तकनीकों पर आधारित स्वदेशी डिजिटल भुगतान सॉल्यूशन विकसित करने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान आईआईटी (IIT Kanpur) कानपुर और नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के बीच एक नया करार हुआ है।

क्या कहता है ये करार?

इस करार के मुताबिक, अत्याधुनिक तकनीकों पर आधारित स्वदेशी डिजिटल भुगतान सॉल्यूशन (NPCI)  एनपीसीआई और इसकी सहायक कंपनियों के उत्पादों और सेवाओं के लिए साइबर सुरक्षा नियंत्रण बढ़ाने के प्रयासों को मजबूती प्रदान करेगा। एनपीसीआई और आईआईटी कानपुर  दोनों मिलकर इस क्षेत्र में अर्जित ज्ञान को एक-दूसरे के साथ साझा करेंगे।

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असल में हाल के वर्षों में, (IIT Kanpur) ने ब्लॉकचेन और अन्य अत्याधुनिक तकनीकों के आधार पर कई साइबर सुरक्षा परियोजनाओं को विकसित और निष्पादित (EXECUTE) किया है।

आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur)  एनपीसीआई (NPCI)  कर्मियों के लिए साइबर सुरक्षा और ARTIFICIAL INTELLIGENCE कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), MACHINE LEARNING मशीन लर्निंग (ML), सुरक्षा उत्पाद रोडमैप और वितरित लेजर तकनीकों (DLT) में नये रुझानों पर सूचनात्मक सत्र आयोजित करेगा। जबकि, एनपीसीआई आईआईटी कानपुर के छात्रों को लाइव प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए इंटर्नशिप की पेशकश करेगा।

IIT Kanpur द्वारा विकसित तकनीकों के इस्तेमाल से एनपीसीआई (NPCI) को उपभोक्ताओं की परेशानियों के समाधान विकसित एवं क्रियान्वित करने में मदद मिलने की उम्मीद है।

आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur)  डिजिटल DIGITAL PAYMENTS लेनदेन और डेटा स्टोरेज के लिए सुरक्षित और नए-नए समाधान विकसित करने में सबसे आगे रहा है। संस्थान में साइबर सुरक्षा समाधान और साइबर-भौतिक प्रणाली विकसित करने के लिए समर्पित C3i हब है। एनपीसीआई (NPCI)  के साथ यह साझेदारी मल्टी-disciplinary रिसर्च और नए अवसरों का रास्ता खोलेगा।

प्रोफेसर अभय करंदीकर, निदेशक,आईआईटी कानपुर

उन्नत तकनीकी समाधान विकसित करने का अवसर

यह साझेदारी उन्नत तकनीकी समाधान विकसित करने का अवसर प्रदान करेगी, जिससे ग्राहकों को बेस्ट-इन-क्लास और सुरक्षित भुगतान करने का रास्ता खुलेगा। यह साझेदारी एक ऐसा सुरक्षित व परिष्कृत डिजिटल लेनदेन का इकोसिस्टम विकसित करेगी, जो मौजूदा सिस्टम में किसी भी संभावित बाधा को दूर करने में सक्षम होगा।

एंटनी प्रकाश, एनपीसीआई के मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारी

एनपीसीआई को 2008 में भारत में खुदरा भुगतान और निपटान प्रणाली के संचालन के लिए एक UMBRELLA संगठन के रूप में शामिल किया गया था। इसने रुपे कार्ड, तत्काल भुगतान सेवा (आईएमपीएस), एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई), भारत इंटरफेस फॉर मनी (भीम), भीम आधार, राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह (NETC FASTag) और भारत बिल-पे जैसे खुदरा भुगतान उत्पादों के माध्यम से भारत में लेनदेन परिदृश्य को बदलने में बड़ा योगदान दिया है।

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