indian flag against blue sky

तिरंगे को सम्मान के साथ उतार कर रखने के हैं ये खास नियम, न मानने पर हो सकती है इतने दिन की सजा। 15 अगस्त के दिन पूरे देश ने 76 वें स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाया। इसी दौरान भारत सरकार के आह्वान पर ‘हर घर तिरंगा अभियान’ के प्रति भी लोगों में उत्साह दिखाई दिया। काफी लोगों ने अपने घरों की छतों, बाइक, कार आदि पर भी तिरंगा लगाया। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी आदि में भी बहुत लोगों ने अनेक कार्यक्रमों में देश के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा का इस्तेमाल बढ़ चढ़कर किया।

सभी देशवासियों ने तिरंगे के साथ फ़ोटो या सेल्फ़ी लेकर खूब सोशल मीडिया पर तो अपलोड किये हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि 15 अगस्त के बाद उनका क्या हाल होता है- नहीं ना! बहुत बार किसी-किसी का तिरंगे की तरफ ध्यान नहीं जाता तो किसी को तिरंगे के निस्तारण संबंधी सही जानकारी नहीं होती। क्या आपने कभी सोचा है कि जब तिरंगे पुराने, मैले या फट जाते हैं तो उनका क्या किया जाता होगा? आज हम ऐसे ही कई नियमों के बारे में बात करेंगे।

तिरंगे को फहराने और उतारकर रखने के हैं निश्चित नियम और तरीके

हमारे देश में तिरंगे को फहराने से लेकर विभिन्न अवसरों पर इस्तेमाल करने के लिए निश्चित नियम बनए गए हैं जिन्हें हमने अपने पिछले हफ्ते के इस आर्टिकल में बताया थे। जिस तरह तिरंगे को फहराने को लेकर नियम बनाए गए हैं, वैसे ही उसे उतारकर, सहेजकर रखने के लिए भी निश्चित नियम बनाए गए हैं। तो अगर आपने भी अपने घर, दफ़्तर या अन्य किसी जगह पर तिरंगा फहराया है तो तिरंगे को उतारकर रखने के इन नियमों को जानना और अपनाना आपके लिए भी बहुत जरूरी है। ऐसा ना करने पर आप सजा के हकदार बन सकते हैं, क्योंकि तिरंगे का अपमान एक दंडनीय अपराध है। तिरंगे झंडे को सम्मान पूर्वक उतारकर संभालना बहुत जरूरी।

राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा किसी भी समय पर फहराने का अधिकार 

26 जनवरी 2002 के दिन आज से 20 साल पहले सभी नागरिकों को किसी भी समय अपने राष्ट्र ध्वज को अपनी मर्जी के अनुसार फहराने का अधिकार मिला था। इससे पहले झंडा फहराने का अधिकार सिर्फ खास अवसर पर खास लोगों को होता था, लेकिन भारतीय झंडा सहिंता संशोधन के बाद आम नागरिकों को भी कहीं भी कभी भी भी झंडा फहराने का अधिकार मिल गया। लेकिन झंडा फहराने के साथ-साथ झंडे को पूरे सम्मान के साथ उतार कर रखने के नियमों का पालन करना भी बेहद जरूरी होता है।

भारतीय झंडा सहिंता 2002 की धारा I के सेक्शन 2.2 (xiii) के अनुसार: अगर झंडा फटा-पुरानी अवस्था में है तो किसी निजी जगह पर इसे निस्तारित करना चाहिए। तिरंगे की मर्यादा को ध्यान में रखते हुए इसे दफनाना या कोई और तरीका अपनाया जा सकता है।

तिरंगे को संभाल कर रखने हेतु दिशा निर्देश 

हमारे राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे का सम्मान करना हमारा कर्तव्य है। इस प्रकार हमें आजादी के जश्न के बाद जिस प्रकार झंडे को लहराने जुनून होता है उसी प्रकार हमें अपने तिरंगे झंडे को फहराने के बाद उतार कर रखने हेतु कुछ सामान्य नियमों का भी पालन करना चाहिए, जैसे-

  • राष्ट्रीय ध्वज को जमीन पर, पानी में, व कूड़े करकट वाली जगह पर नहीं गिराना चाहिए।
  • राष्ट्रीय ध्वज को उतारकर धोकर उसको लपेट कर रखना चाहिए।
  • अगर यह  किसी तरह मैला या कट गया है तो उसे जला देना चाहिए ।
  • राष्ट्रीय ध्वज को गंदा नहीं करना चाहिए।
  • किसी भी हालत में राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग किसी भी चीज को ढकने हेतु नहीं करना चाहिए ।
  • राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग किसी भी पोशाक या पहनावे के रूप में नहीं किया नहीं किया जाएगा और ना ही कुशन, रूमाल ,नैपकिन, गारमेंट्स या किसी कपड़े से कढ़ाई या मुद्रित रूप में।
  • राष्ट्रीय ध्वज का  उपयोग किसी भी लेखन प्रणाली हेतु नहीं   जाना चाहिए। 

सम्मान के साथ कैसे करें तिरंगे का निस्तारण?

 तिरंगा झंडा हमारे देश का गौरव है, इसलिए उसे खराब होने की स्थिति में सम्मान के साथ जलाना चाहिए।

  • सुरक्षित जगह को साफ करके खराब झंडे को फोल्ड करके आग जलाएं और फिर आग के बीच में तिरंगे को रख दें।
  • याद रखें बिना फोल्ड के तिरंगे को जलाना कानूनन अपराध होगा।
  • आग जलाने के साथ-साथ इसे हम मिट्टी में भी दबा सकते हैं। इसके लिए इसे एक बॉक्स में डाल कर मिट्टी में दबा दीजिए और फिर 1 मिनट का मौन कीजिए।

राष्ट्रीय ध्वज का अपमान ना करें और ना होने दें

हमारे राष्ट्रीय ध्वज का हम सबको मिलकर सम्मान करना चाहिए। इसलिए आप चाहो तो इसके निस्तारण के नियमों के बारे में अपने साथ-साथ अन्य लोगों को भी बताएं ताकि कहीं भी लटके तिरंगे का अपमान ना हो सके। खासकर ग्रामीण इलाकों में लोगों को इसके निस्तारण की विधि के बारे में पता नहीं होता, इसलिए कई बार कुछ लोग ऐसे ही तिरंगे झंडे को कहीं भी किसी भी जगह पर फेंक देते हैं।

स्कूलों में बच्चों को शिक्षा देने के साथ-साथ तिरंगे झंडे के इस्तेमाल करने, उसे उतार कर रखने व निस्तारण के बारे में भी बताएं। याद रहे हमें शुरुआत स्वयं से करनी है।

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