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Not an ‘Elephant in the Room’, But Just a Responsible Pen/

The News Beans is a multi-language news website which is determined to serve you the truth. the News Beans addresses the developmental questions and issues that have drifted away in the era of TRP and sensationalism. We are progressive as well as aggressive regarding humanitarian concerns. And committed to serve responsible analysis of facts rather than mere information. Our content coverage might be limited but served with full responsibility. We don’t claim to be an elephant in the room, but just a small thorn, the same thorn that, when pricked, creates huge chaos in the largest convoy of elephants.

नॉट एन ‘एलिफैंट इन द रूम’, बस एक जिम्मेदार कलम

द न्यूज़ बीन्स लपुझन्ने पत्रकारों के अनर्गल आलापों और प्रोपेगंडा के बीच भटकते, धकियाये और लिहाज़ को घिघियाते मुद्दों का एम्पलीफायर है। द न्यूज़ बीन्स एक मल्टी-लैंग्वेज न्यूज वेबसाईट है। अपनी भाषा और प्रस्तुति के लिहाज से ये एक आधुनिक प्रयोग है। यहाँ आपको मसालेदार खबरें नहीं, सच्चाई और तल्खी मिलेगी। द न्यूज़ बीन्स अनर्थ की भूल-भुलैया में अर्थ को तलाशते आम आदमी को राह के गड्ढों से सावधान करने का प्रयास है। हम आपकी इस खोज में आपका वो सबसे भरोसेमंद दोस्त बनने के इच्छुक हैं जो सबसे डरावनी और अँधेरी राह पर भी लंगोटी उठा भाग खड़ा नहीं होता और टॉर्च लिए सबसे आगे चलता है। हम सबसे सर्द स्याह रातों में भी पत्रकारिता की ठंडी पड़ती अंगीठी में सच्चाई की चिंगारी फूंकने और इसपर सियासी रोटियां सेंकने की कोशिशों को नाकाम करने को संकल्पित हैं। इतिहास के बार बार गवाही देने के बावजूद ‘भेड़चाल’ का पलड़ा ‘एकला’ से भारी नज़र आता है और शाम होते ही गड़रिया डंडे को ठोक कर सुनिश्चित करता है कि उसकी ‘भेड़ें पूरी हैं’ कि नहीं। हमारा जतन बस यही रहेगा कि ये भेड़ों की भीड़ आपके-हमारे मुद्दों का चारा बनाकर न चबा जाए।

द न्यूज़ बीन्स टीआरपी और सनसनी के दौर में छिटक कर दूर जा गिरे डेवलपमेंटल इश्यूज से जुड़े सवालों और मुद्दों को सामने रखता है। हमारी खबरों में आपको निरी सूचनाओं की बजाय जिम्मेदारी भरा विश्लेषण मिलेगा। हम लल्लो-चप्पो और चटखारे वाली गॉसिप नहीं परोसते। मानवीय सरोकारों को लेकर हम प्रोग्रेसिव भी हैं और एग्रेसिव भी। यहां आपको न्यूज शतकों व फटाफट न्यूज की बजाय चुनिंदा खबरें ही मिलेंगी, लेकिन मिलेंगी जिम्मेदारी के साथ। द न्यूज़ बीन्स को आप हुज़ूर एक छोटा सा कांटा समझ सकते हैं, वही काँटा जो चुभने पर हाथियों के बड़े से बड़े काफिले में कोहराम खड़ा कर देता है। इसलिए हम ‘एलिफैंट इन द रूम’ नहीं, बस एक काँटा होने का ही दावा करते हैं।